इश्तहार दो अखबार में या ढूंढो गली बाजार में यकीं है हमें कि ना मिलेगा वो इस सारे संसार इश्तहार दो अखबार में या ढूंढो गली बाजार में यकीं है हमें कि ना मिलेगा वो इस स...
लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं
हरी-भरी व धानी चुनरी, हरी भरी है मेरी धरा, घृणा, पाप न द्वेष कहीं, चाहूँ हर दिल प्रेम हरी-भरी व धानी चुनरी, हरी भरी है मेरी धरा, घृणा, पाप न द्वेष कहीं, चाहूँ हर ...
मेरे लिए दे दो। बाँहें खोलकर एक बार तो बंद आंखों से , गुज़रती हवा को अपने गालों पर ह मेरे लिए दे दो। बाँहें खोलकर एक बार तो बंद आंखों से , गुज़रती हवा को अपन...
मशालों को तुम अपनी बुझाना मत उनसे घर किसी का जलाना मत, मशालों को तुम अपनी बुझाना मत उनसे घर किसी का जलाना मत,
माँ का आँचल समा जाते हैं जिसमें कई देश, कितनी ही नदियाँ उसी आँचल से छनकर आती हैं माँ का आँचल समा जाते हैं जिसमें कई देश, कितनी ही नदियाँ उसी आँचल से छनकर आती हैं